मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 19 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्ते लोगों को 'थर्ड डिग्री टार्चर' दे रहे हैं। कुत्तों के काटने से इस स्तर वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) के आंकड़ों के मुताबिक ऐसे खतरनाक डॉग बाइट के मामले से इम्यूनोग्लोबिन दवा की खपत एक साल में 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कुत्ते के काटने से गंभीर जख्म होने पर एंटी रैबीज दवा के साथ इम्यूनोग्लोबिन दी जाती है। एक महीने में औसतन 400 इम्यूनोग्लोबिन वाले डॉग बाइट के केस आ रहे हैं। मेडिकल साइंस में डॉग बाइक को तीन ग्रेड में बांटा गया है। पहले ग्रेड में दवा देने की जरूरत नहीं होती, दूसरे में एंटी रैबीज दी जाती है और तीसरी ग्रेड में इम्यूनोग्लोबिन दिया जाता है। उत्तर बिहार के सभी जिलों से पहुंच रहे मरीज आवारा कु...