हरदोई, दिसम्बर 26 -- हरदोई, वरिष्ठ संवाददाता। जिले में लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे में कुछ काम पूरे हुए तो कुछ अभी अंतिम चरण में पहुंचे हैं। कहीं जिम्मेदारों की सुस्ती तो कहीं ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों व उनके तीमारदारों को कानपुर, लखनऊ के अस्पतालों की दौड़ लगाकर चुकाना पड़ा। वर्ष 2025 आयुवेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक पद्धति से इलाज कराने वाले मरीजों के लिए निराशाजनक रहा। 14 करोड़ रुपये की लागत से हरदोई बिलग्राम हाईवे किनारे भदैंचा गांव में आयुष अस्पताल तीन साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो सका। इसका संचालन शुरू कराने के लिए अंतिम किश्त का भुगतान अटकने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं भी अटक गईं। तमाम प्रयास फेल साबित हुए और दिसंबर मरीजों को भर्ती कर उपचार की सुविधा देने का दावा टांय टांय फिस्स हो गया। अब इसे मार्च तक शुरू...