सिद्धार्थ, जुलाई 7 -- सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम आयुष्मान भारत योजना जनपद में फिसड्डी साबित हो रही है। स्वास्थ्य विभाग में 180 से अधिक निजी अस्पताल पंजीकृत हैं, बावजूद यह अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़ने में जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इससे लाभार्थी लाभ से वंचित हैं। योजना को लेकर विभाग भी लापरवाह बना है। निजी अस्पतालों को योजना में पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करने की बजाए कागज में योजना को बेहतर करने में जुटा है। इससे लाभार्थी लाभ के लिए भटकने को मजबूर हैं। दरअसल, आयुष्मान भारत योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत लाभार्थी को पांच लाख रुपये इलाज के लिए मिलते हैं। लाभार्थी को यह लाभ योजना से जुड़े पंजीकृत अस्पतालों में भर्ती होने के बाद मिलता है, लेकिन जनपद का हाल योजना को लेकर बेहाल है। जनपद में योजना के लागू हो...
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