वाराणसी, सितम्बर 17 -- सारनाथ (वाराणसी), संवाद। महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से बुधवार को मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में आनागरिक धर्मपाल की 161वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने उनकी प्रतिमा को फूल मालाओं से सजाया एवं पूजा अर्चना की। बौद्ध मंदिर में आयोजित संगोष्ठी में केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के कुलपति प्रो. वांगचुक दोर्जे नेगी ने कहा कि तथागत के चार आर्य सत्य को समझने की जरूरत है। बुद्ध के विचार सार्वकालिक प्रासंगिक है। उनके बताए रास्ते पर चलने से किसी भी व्यक्ति के जीवन में शांति समृद्धि स्थापित हो सकती है। विधान परिषद के पूर्व सदस्य चेतनारायण सिंह ने कहा कि आनागरिक धर्मपाल बौद्ध धर्म के उत्थान के लिए श्रीलंका से भारत आए। उन्होंने बुद्ध के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया और लोगों को उसे आत्मसात करने के लिए प्रेरित क...