नई दिल्ली, अगस्त 8 -- दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार को विधानसभा में पेश किए गए फीस रेगुलेशन बिल की आलोचना की है। दावा किया कि इसमें अभिभावकों की बजाय निजी स्कूलों को तरजीह दिया गया है। इसमें फीस वृद्धि में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधानों का अभाव है। दिल्ली स्कूल शिक्षा पारदर्शिता शुल्क निर्धारण और विनियमन विधेयक, 2025 के बारे में पीटीआई से बात करते हुए आप नेता आतिशी ने कहा कि यह विधेयक स्कूल के वित्त के ऑडिट के लिए एक तंत्र शामिल करने में विफल है। उन्होंने दावा किया कि ऑडिट तंत्र मनमाने ढंग से शुल्क वृद्धि की निगरानी करने का एकमात्र प्रभावी तरीका है। उन्होंने कहा कि ऑडिट ही एकमात्र तरीका है जिससे पता लगाया जा सकता है कि कोई स्कूल अनुचित रूप से फीस बढ़ा रहा है या नहीं। लेकिन, इस विधेयक...