नई दिल्ली, दिसम्बर 24 -- पौष मास की चतुर्थी को भक्तिपूर्वक विघ्नेश्वर चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण होता है। इसे विघ्नेश्वर चतुर्थी इसलिए कहते हैं कि इस दिनव्रत करने से भगवान गणेश सभी विघ्नों को हर लेते हैं। इस व्रत में सुबह स्नान करें और साफ वस्त्र पहनकर भगवान गणेश को प्रार्थना करें। व्रत खोलने से पहले एक ब्राह्मण को लड्डू दें और भोजन कराएं, इसके बाद दक्षिणा दे। इस व्रत का उल्लेख नारद पुराण में मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि जो इस व्रत को करता है, उसको अपार धन-सम्पत्ति मिलती है। आज 24 दिसंबर को पौष मास की चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है। इसके बाद माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी आएगी। इसे संकट को हरने वाली सकट चौथ कहा गया है। इस व्रत में तिल का इस्तेमाल होता है, इसलिए इसे तिलकुटा चौ...