लखनऊ, सितम्बर 20 -- लखनऊ, संवाददाता। पितृ विसर्जन (सर्वपैतृ अमावस्या) 21 सितंबर को है। इस दिन पितृ की विदाई होगी। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पांडेय ने बताया कि इस साल आश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि पूरे दिन व रात 12:18 बजे तक रहेगी। जिस व्यक्ति की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, उन्हें अमावस्या तिथि पर ही श्राद्ध करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य राकेश पांडेय ने बताया कि पितृ दोष शांति के लिए निम्न उपाय त्रिपिंडी श्राद्ध करें। गीता का पाठ, रूद्राष्ट्राध्यायी के पुरुष सूक्त, रुद्र सूक्त, ब्रह्म सूक्त आदि का पाठ भी करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल बताते हैं कि श्राद्ध चिंतामणि के अनुसार किसी मृत आत्मा का तीन साल तक श्राद्ध कर्म नहीं करने पर जीवात्मा का प्रवेश प्रेत योनि में हो जाता है, जो तमोगुणी रजोगुणी एवं सतोगुणी हो...