अंबेडकर नगर, दिसम्बर 22 -- अम्बेडकरनगर, संवाददाता। आधुनिक संस्कृत साहित्य और वांग्मय के क्षेत्र में आचार्य हरिहर नाथ मिश्र जैसे विद्वान विरले ही मिलते हैं। आचार्य भारतीय संस्कृति के संवाहक और व्याकरण में आधुनिक पाणिनि के अंशावतार थे। यह कहना अंतर्राष्ट्रीय रामायण सेंटर मॉरीशस के मुख्य आचार्य पंडित राकेश पांडेय का है। वे आचार्य हरिहर नाथ मिश्र की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। आलापुर तहसील के जल्लापुर के आचार्य हरिहर नाथ ने संस्कृत साहित्य, वेद, व्याकरण और कर्मकांड में निष्णात होते हुए तत्कालीन प्रचलित शास्त्रार्थ विधि में विशेष रुचि दिखाई। अपने जीवनकाल में भारत, नेपाल समेत अनेक स्थानों पर सहस्रों शास्त्रार्थ में भाग लिया और जीवनपर्यंत अपराजेय रहे। इस क्रम में वर्ष 1956 में काशी में काशी नरेश और काशी विद्वत परिषद की ओर से...