बोकारो, अक्टूबर 6 -- बेरमो/खेतको, प्रतिनिधि। कुर्मी-कुड़मी जाति के द्वारा अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग का आदिवासी समाज के द्वारा लगातार विरोध जताया जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को परसाडीह में आदिवासी समाज की बैठक की गई। काफी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए। आगामी 8 अक्टूबर को जिला मुख्यालय बोकारो में आक्रोश महारैली में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई। अध्यक्षता रामप्रसाद किस्कू ने की। वक्ताओं ने कहा कि कुर्मी-कुड़मियों के नेताओं के द्वारा कहा जाता है कि 1931 में वे अनुसूचित जनजाति में थे और 1950 में किसी कारणवश सूची से वे बाहर हो गए जबकि सच्चाई यह है कि 1931 के पहले अनुसूचित जनजाति का वर्गीकरण ही नहीं था। कहा कि कुड़मी कभी आदिवासी नहीं थे। इनके पास अनुसूचित जनजाति मे शामिल होने का कोई पुख्ता दस्तावेज ...