नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपी भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच तीन महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया और केंद्र से कहा कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्य से यह भी पूछा कि राहुल नामक अधिकारी के साथ 'खास बर्ताव क्यों किया गया, जबकि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने उनके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां की थीं। अदालत ने पाया कि इसके बावजूद उन्हें विशेष पदस्थापना दी गई थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता प्राधिकारियों की ओर से पेश हुए। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने राहुल को छोड़कर सभी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।...