अलीगढ़, जुलाई 16 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत आंखों की रोशनी लौटाने की सरकारी मुहिम आंकड़ों में तो रफ्तार पकड़ रही है, लेकिन जमीनी हकीकत में अब भी धुंध छाई हुई है। बीते दो वर्षों में मोतियाबिंद के हजारों ऑपरेशन किए गए। पर, मरीजों को नजर साफ करने वाले चश्मे अब तक नसीब नहीं हुए। स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था निविदा की भूलभुलैया में उलझी रही। 2024-25 में जहां लक्ष्य 38,098 ऑपरेशन का था, वहां महज 1,769 ऑपरेशन हो पाए। यानी, लक्ष्य का केवल 4.6 प्रतिशत। 2025-26 में स्थिति में कुछ सुधार जरूर हुआ, जून तक 18,146 ऑपरेशन हो चुके हैं। लक्ष्य 60,718 का है। लेकिन, दोनों साल एक भी चश्मा नहीं खरीदा जा सका। हर साल 3,681 चश्मे खरीदने का लक्ष्य तय है, लेकिन विभाग अब तक सिर्फ निविदा प्रक्रिया का नाम लेकर अपनी जिम्मेदारी स...