नई दिल्ली, अक्टूबर 12 -- दीपावली से पहले आने वाली अहोई अष्टमी का व्रत विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस साल यह व्रत 13 अक्टूबर को है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किए जाने वाले इस व्रत को विशेष रूप से पुत्रवती महिलाओं और संतान सुख की कामना करने वाले दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अहोई अष्टमी के दिन ब्रज के राधाकुंड में स्नान का अत्यधिक महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि राधा जी ने इस कुंड को अपने कंगन से खोदा था, इसलिए इसे कंगन कुंड भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से निसंतान दंपति को संतान सुख प्राप्त होता है।अहोई अष्टमी व्रत और राधाकुंड स्नान की प्रक्रिया अहोई अष्टमी का व्रत उपवास और पूजा के साथ पूरे दिन रखा जाता है। रात्रि में तारे दिखाई देने पर पारण किया जाता है। संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले दंपति निर...