बदायूं, सितम्बर 6 -- बिल्सी, संवाददाता। नगर के माहेश्वरी भवन में चल रही रामकथा में ऋषिकेश से आये कथावाचक अयोध्यादास रामायणी महाराज ने चौथे दिन श्रीराम व माता सीता के विवाह की दिव्य कथा का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान राम, लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ सीता स्वयंवर में भाग लेने को जनकपुरी पहुंचे। वहां भगवान श्रीराम की माता सीता से पुष्प वाटिका में भेंट होती है। दोनों एक दूसरे को निहारते और मंद-मंद मुस्कुराते हैं। मां सीता मंदिर में जाकर सखियों के साथ गौरी पूजन कर भगवान श्रीराम को अपने मन मंदिर में विराजित कर लेती हैं। कथावाचक ने भगवान लक्ष्मण परशुराम संवाद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो अहंकार के वशीभूत हो जाता है, वह सामने खड़े भगवान को भी नहीं पहचान पाता है। लेकिन भगवान स्वयं ही सामने आकर अपने भक्त के अंधकार रूपी अहंकार दमन ...