जमुई, जून 2 -- झाझा, नगर संवाददाता पुरानी कहावत है कि रोहन तपता है तो खेत खरीफ फसलों के लिए तैयार होती है।खरीफ सीजन में धान की अच्छी फसल होने की संभावना होती है। यह भी कहा जाता है कि नौतपा में जहरीले सरीसृप कीट पतंग का जहर कम होता है। इससे भी मानव जीवन पर असर पड़ता है। और यदि इस पर्यावरणीय चक्त्र में असंतुलन हो जाता है तो इसका असर पड़ना स्वाभाविक है, कहते मिले ऐसे अनेकों बुजुर्ग किसान।असमय वर्षा ने सब्जी उत्पादक किसानों को परेशान कर रख दिया है। लतदार सब्जियों की लताएं गल जाने से फसल को हुए नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं। नौतपा में भी कभी गरज के साथ वर्षा तो कभी गर्मी से धरती नहीं तप पा रही है जिससे किसान चिंतित हैं। मौसम के मिजाज में इन दिनों करवट लेने से सब्जी उत्पादक किसानों को हुए नुकसान की कृषि विभाग द्वारा स्थलीय जांच और नुकसान का आकल...