वाराणसी, दिसम्बर 22 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 'अरावली बचाओ' अभियान को आध्यात्मिक समर्थन प्रदान किया है। उन्होंने प्रकृति संरक्षण को सनातन धर्म का मूल बताते हुए इस मुहिम में जुटे समस्त समर्पित सदस्यों के पुरुषार्थ की सराहना की है। शंकराचार्य ने अपने आशीर्वाद संदेश में कहा कि अरावली पर्वत शृंखला केवल पत्थरों का ढेर नहीं, अपितु उत्तर भारत की जीवन-रेखा और हमारी प्राचीन सभ्यता की जीवंत साक्षी है। उन्होंने चेतावनी दी कि पर्वतों का अनियंत्रित क्षरण और वनों का कटान सीधे तौर पर प्रकृति और ईश्वर की कृति का अपमान है। जो समाज अपनी प्रकृति की रक्षा नहीं करता, उसका भविष्य सुरक्षित नहीं रह सकता। उन्होंने शास्त्रों के प्रमाण देते हुए कहा कि हमारे वेदों और पुराणों में वृक्षों और पर्वतों...