नई दिल्ली, दिसम्बर 21 -- दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने संपत्ति विवाद के एक अहम मामले में सरकारी तंत्र की सुस्ती और लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत की सख्ती उस समय सामने आई, जब स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सरकारी अधिकारी एक सप्ताह में भी 35 वर्ष पुराने संपत्ति के स्वामित्व से जुड़े जस्तावेज पेश नहीं कर सके, जबकि 86 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक के बेटे ने वही दस्तावेज कुछ ही घंटों में अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर दिए। जिला जज शिवाली शर्मा की अदालत मदन मोहन बनाम ओम प्रकाश गोयनका से जुड़े संपत्ति विवाद मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि वर्षों से अपने हक के लिए भटक रहे वरिष्ठ नागरिक के मामले में "रिकॉर्ड नहीं मिलना" किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने कोतवाली सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और कश्मीरी गेट स्थित सब-रजिस्ट्रार-1 कार्या...