आरा, जुलाई 14 -- आरा। श्री दिगंबर जैन चंद्रप्रभु मंदिर में चातुर्मास कर रहे मुनिश्री विशल्य सागर जी महाराज ने सोमवार को अपने प्रवचन में बताया कि अध्यात्म मार्ग पर चलकर ही जीवन का कल्याण संभव है। वैसे अध्यात्म का मार्ग सभी के लिए है और अध्यात्म के मार्ग पर कोई भी मनुष्य चल सकता है। अध्यात्म विज्ञान की प्रयोगशाला के समान है। इसलिए यह भी यह बताना जरूरी है कि बिना सही मार्गदर्शन के अध्यात्म के मार्ग पर चलना सही नहीं है। समय के साथ अध्यात्म से जुड़ना भी बहुत जरूरी है। अध्यात्म वह शिक्षा है, जिसे पाने के बाद उसकी प्यास बढ़े, न कि कम हो। यह बात सच है कि समय ऐसी गाड़ी के समान है, जिसमें रिवर्स गियर या ब्रेक नहीं होते। इसका मतलब है कि समय निरंतर आगे बढ़ता रहता है और हम उसे वापस नहीं ला सकते या उसे रोकने के लिए कोई ब्रेक नहीं लगा सकते। एक बार समय बी...
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