रुडकी, अक्टूबर 8 -- इस बार बारिश के असामान्य रूप से लंबे सीजन ने क्षेत्र के किसानों के लिए जायद की फसल बोना लगभग असंभव बना दिया है। आमतौर पर खरीफ की कटाई के बाद दलहन, तिलहन और सब्जियों की जायद फसल के लिए किसान खेत तैयार करते हैं, लेकिन इस वर्ष खेतों में लगातार पानी भरने और अधिक नमी के कारण बुआई का समय हाथ से निकलता जा रहा है। किसान महक सिंह, आज़ाद सिंह और राज सिंह ने बताया कि खरीफ की फसल की कटाई के बाद 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच जायद की फसल की बुआई की जाती है। इस सीजन में किसान सरसों, तोरिया, उड़द, मूंग जैसी दलहनी-तिलहनी फसलों के साथ-साथ आलू, मूली, शलजम, गोभी जैसी सब्जियों की खेती करते हैं। जायद की ये फसलें 60 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं, जिससे समय पर रबी की फसल की तैयारी भी सहज हो जाती है।
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