रांची, दिसम्बर 16 -- झारखंड हाईकोर्ट ने डैमों, तालाबों और जलस्त्रोतों से अतिक्रमण हटाने की कर्रवाई पर नाराजगी जतायी है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मौखिक कहा कि अतिक्रमण हटाने पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। जलाशयों का अतिक्रमण करने वाले सभी लोगों को चिह्नित कर उन्हें हटाया जाए। अदालत ने कहा कि हरमू नदी को प्लास्टिक मुक्त किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अदालत अवमानना का मामला चलाएगी। मामले में अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी। कोर्ट ने कहा कि जलस्रोतों की दुर्दशा केवल पर्यावरण का नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और शहरी जीवन से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि बड़ा तालाब की सफाई को लेकर अब तक क्या-क्या कार्रव...
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