बरेली, दिसम्बर 14 -- बरेली। नगर निगम के गृहकर बिलों में हेराफेरी और छोटे करदाताओं के उत्पीड़न का मामला अब ठंडा पड़ गया है। 25 अगस्त को पार्षदों ने बोर्ड बैठक में बिलों में गंभीर गड़बड़ी उजागर की थी। पार्षद राजेश अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि बड़े भवनों के बिलों में हेराफेरी की गई, जबकि छोटे करदाताओं को परेशान किया गया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि इस गड़बड़ी से निगम को लाखों का नुकसान हुआ। इसके बावजूद अगस्त के बाद इस मामले में विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पार्षद और नागरिक अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी के बावजूद मामला ठंडा क्यों पड़ गया। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी का कहना है कि जो आपत्तियां आ रही है उनका निस्तारण कराया जा रहा है।
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