बदायूं, अगस्त 14 -- बदायूं, संवाददाता। अंग्रेजों के चंगुल से देश आजाद हो रहा था, उसी दौर में देश का विभाजन हो गया। विभाजन में ये नहीं पता था कि धर्म नीति लागू होगी और फिर विभाजन में सब कुछ खोना पड़ा। देश का विभाजन हुआ जो विभीषिका बनकर आई। घर छोड़कर हिन्दुस्तान आने का तमाम परिवारों को मौका तक नहीं दिया और रास्ते में ही कत्लेआम कर दिये गये। तमाम सिख परिवार पाकिस्तान से आये और भटकते हुए बदायूं पहुंचे। आज तीसरी पीढ़ी के बीच बुजुर्ग अपनी यादें सुना रहे हैं। देश विभाजन विभीषिका की पूर्व संध्या पर बुधवार को पाकिस्तान से आये तमाम सिख परिवारों से हिन्दुस्तान टीम ने बातचीत की। सिख परिवारों से बातचीत की गई और 14 अगस्त 1947 की यादों को ताजा किया गया तो आंखों से आंसू निकल पड़े। चाहे एसके मल्होत्रा हों या फिर मेघराज सपड़ा हों, वीरेंद्र गोंसाईं हों या फ...