गंगापार, फरवरी 22 -- आदिकवि महर्षि बाल्मीकि की रचना प्रेरणास्थली लकटहा-पनासा में ही महर्षि की आदमकद प्रतिमा स्थापित करना बहुत जरूरी है। जमुनापार जागृति मिशन के प्रयासों के चलते कई वर्ष पूर्व अनेकों साक्ष्य और विद्वानों द्वारा शोध के उपरांत करछना क्षेत्र में पावन गंगा-तमसा तट स्थित यह पावन स्थली प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर अंकित हुई। लगभग दो दशक पूर्व प्रयाग विश्वविद्यालय के तत्कालीन संस्कृत विभागाध्यक्ष चण्डिका प्रसाद शुक्ल और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर मध्यप्रदेश के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. रहस बिहारी द्विवेदी द्वारा विस्तृत प्रमाणिक शोध प्रस्तुत करने के उपरांत तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री डा.मुरली मनोहर जोशी के सार्थक पहल से लकटहा-पनासा में आश्रम की स्थापना हुई। यहां जागृति मिशन द्वारा प्रतिवर्ष बाल्मीकि जयंती के अवसर प...